आज उत्तर प्रदेश की राजनीति पूरी तरह से शोक में डूबी हुई है और लोग भी काफी दुखी है क्योंकि मुख्यमंत्री महोदय के पिता यानी योगी जी के पिता जी का निधन हो गया है और ये निधन उनका कल के दिन सवेरे 10 बजकर के 40 मिनट पर हो गया था. वो लीवर से जुडी दिक्कतों के चलते दिल्ली के एम्स में भर्ती थे जहां उन्होंने अपने प्राण त्यागे और प्राण त्यागने के बाद में ये बात जब योगी जी को पता चली तो वो दुखी तो हुए और अंतिम संस्कार में जाना भी चाहते थे लेकिन जिम्मेदारियों के बोझ तले जा न सके.
योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर पर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिता जी के अंतिम दर्शन करने की इच्छा थी लेकिन 23 करोड़ यूपी वासियों के प्रति कर्तव्य होने के चलते हुए वो नही जा पाएंगे. वो देश के हित में अपना कार्य करते ही रहेंगे.
इसके बाद में एक और ट्वीट में योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि लॉक डाउन का पालन करते हुए वो अंतिम संस्कार में भी शामिल नही हो सकेंगे. आखिर वो एक मुख्यमंत्री है और उनका काफिला भी काफी बड़ा प्रोटोकोल के कारण होता है. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने अपने परिवार वालो से भी निवेदन किया वो लोग भी लॉकडाउन के नियमो का पालन करे और अंतिम संस्कार के कार्य में कम से कम उपस्थित रहे. अगर ऐसा नही होता है तो फिर जाहिर तौर पर इन नियमो का उल्लंघन होगा जो कि सही चीज नही है.
कल 21अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं।
पूजनीया माँ, पूर्वाश्रम से जुड़े सभी सदस्यों से भी अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 20, 2020
योगी आदित्यनाथ की इसी कर्मठता के चलते हुए लोग उनको नमन करते है. परिवार के हित से भी आगे वो अपने प्रदेश के देश के हित को लेकर के चलते है और ये अपने आप में काफी बड़ी चीज है हर किसी के बस का नही है ये सब कुछ कर पाना जो वो कर रहे है.